अनोखी दोस्ती
अनोखी दोस्ती भाग 7
अब तक आपने पढ़ा कोयल को अस्पताल में सिया लेकर जाती है और वह वहां का बिल भी पे कर देती है।
जब कोयल को पता लगता है कि वह मांँ बनने वाली है। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा,और वह जल्दी से जल्दी घर जाकर सबको यह खुशखबरी देने की सोचती है।
विनय जी मुझे हॉस्पिटल में लाए होंगे,वह कितने अच्छे हैं। मुझे घर जाकर सबको खुशखबरी देनी चाहिए।
रेखा विनय से जो भी हुआ बेटा बहुत अच्छा हुआ, "ऐसा तुम दो-तीन बार कर लो फिर उसे कलमुहीं कोयल को या तो हार्ड अटैक आ जाएगा ,या ब्रेन स्ट्रोक पड़ जाएगा ।और तुम्हें उससे छुटकारा मिल जाएगा।"
ऐसे ही और दो तीन बार कर ले बेटा !
रेखा विनय की बात पर उसको शाबाशी देती हैं। तीनों साथ साथ हंसते हैं।
रेखा" हमारी सबसे बड़ी भला टल जाएगा"।
कोयल की बीमारी को लेकर कोई भी परेशान नहीं था ।किसी को भी कोई चिंता नहीं,
बल्कि यह लोग तो उल्टे बहुत खुश थे।
ठीक उसी समय कोयल भी घर आ जाती है।
मम्मी जी विनय
रेखा अरे तू जिंदा है अभी तक मरी नहीं फिर अपनी गंदी शक्ल लेकर हम लोगों के सामने आ गई ।
मम्मी जी" आप दादी बनने जा रही हैं"
विनय "हम दोनों का बच्चा होने वाला है"
,कोयल के मुंह से बच्चे की बात सुनकर सबके चेहरे लटक गए,
क्योंकि कोयल की कोख से कोई भी बच्चा नहीं चाहता था।
उसके ससुर रमेश तो आश्चर्यचकित होकर बोले क्या?
"यह बच्चे बच्चे का नाटक बंद कर और कान खोल कर सुन ले हमें तुझसे इस घर का कोई वारिस नहीं चाहिए"।
बच्चा !
रेखा हाथ नचाते हुए बोली। तुझे कहा था ना "कि विनय के कमरे में तो जा रही है पर आगे कोई गुल मत खिलाना"।
किसका बच्चा लेकर आई है हमारे घर में बड़ा रोज-रोज बन संवरकर जाती थी?
आज तक कोयल को उसके रंग रूप को लेकर सुनना पड़ रहा था।
आज उसके चरित्र पर भी उंगलियां उठने लगी।
सास ससुर से इतना भला बुरा सुनकर कोयल रोते रोते अपने कमरे में चली गई।
उसने यह तो पता था "हमाम में सब नंगे होते हैं" परंतु यह लोग भले होने का नाटक करके मन से भी नंगे हैं दुनिया को दिखाते हैं कि उन से अच्छा कोई नहीं।
रोते-रोते बोलती हैं इन लोगों को मैं कैसे समझाऊंँ!' कि यह विनय का ही बच्चा है।
फिर बोलती है कि मैं क्यों सफाई दूं अपने करैक्टर की!
अब सच क्या है और झूठ क्या है यह बताना विनय का काम है मेरा नहीं।
मां बनने की बात पता लगने के बाद उसके अंदर ताकत आ गई
वहअपने ससुराल में हर किसी से लड़ने को तैयार हो गई ।
फिर उसने अपने कपड़े उठाए और सीधा विनय के कमरे चली आई।
विनय कोयल तुम यहांँ?
हांँ आज से मैं इसी कमरे में रहूंगी तुम्हारे साथ।
मुझे यह तो पता था कि तुम मुझे पसंद नहीं करते पर अब तो तुम्हारा बेबी होने वाला है, आपको तो अच्छी तरह से पता है कि" मेरे पेट में आपका ही बच्चा है।
क्या हम हमारे बच्चे के लिए एक साथ खुश नहीं रह सकते।"?
कोयल की बातें सुनने के बाद विनय ने कोई ऑब्जेक्शन
नहीं उठाया शायद वह भी बाप बनने की खुशी से खुशी था पर वह कोयल को यह जताना नहीं चाहता था।
मेरा बच्चा होगा पापा बनने जा रहा हूंँ, यह सब इतना जल्दी कैसे हो गया जो भी हो अब मुझे अच्छी नौकरी ढूंढनी पड़ेगी मेरे बेबी को मै कोई भी कमी नहीं होने दूंगा ।
"ओह गोड मैं बहुत खुश हूं"।
रेखा क्या सोच रहा है बेटा।
मैं बहुत खुश हूं माँ कोयल कैसी भी दिखे,
वह दिल की बहुत अच्छी है ।
और इन सब बातों को तो छोड़ दो मेरा बच्चा होने वाला है मुझे उसका भविष्य सोचना है।
रेखा तू पागल हो गया है तेरा बच्चा हंसते हुए हा हा हा
10: 12 दिन साथ रहने से बच्चा होने का कितना चांस है यह दिमाग से सोच इस कोयल की बच्ची को "बिना इंटरव्यू दिए नौकरी कैसे मिल गई और वह भी इतनी पैसों की क्या चक्कर चल रहा है इसका इसके मैनेजर के साथ "
एक फोन कॉल के बाद ही इसको जॉब मिल गई और वह भी एक लाख तनख़ाह वह क्या बोल रही हो मम्मी।
विनय कोयल नहीं नहीं मां कोयल ऐसी नहीं हो सकती।
विनय छोड़ वह बस भोली भाली बनने का नाटक करती है।
नादान बेटा अभी तू ऐसे लोगों को समझ नहीं पा रहा है, जो मै बोली उसके बारे में अच्छे से सोचना
विनय की माँ ने दोनों की जिंदगी में ही जहर घोल दिया।
क्या विनय कोयल को प्यार कर पाएगा उसके बच्चे को अपनाएगा।
आगे पढ़ने के लिए अपनी प्रतिक्रियाएं देते रहिए सुंदर-सुंदर समीक्षाएं और स्टीकर देकर मुझे प्रेरित करते रहिए आपका प्रोत्साहन ही मेरे लेखन को गति देता है बहुत-बहुत धन्यवाद
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Alka jain
27-Jun-2023 07:44 PM
Nice 👍🏼
Reply
Abhinav ji
06-Jun-2023 09:23 AM
Very nice 👍
Reply
Sushi saxena
05-Jun-2023 10:55 PM
Nice part 👌
Reply